Black Widow Movie Review in Hindi: Story, Star Cast

किसी सुपरहीरो फ़िल्म को हकीकत से कैसे जोड़ना हैं इस काम में अपने मार्वेल भईया एक्सपर्ट हैं।

सबसे बड़ा सबूत एवेंजर्स एंडगेम।

इतना बुरा किसी बन्दे को अपनी गर्लफ्रैंड से ब्रेकअप करने पर नहीं लगता जितना थेनॉस के पास इनफिनिटी स्टोन जाने का लगा था।

लेकिन असल मायने में एंडगेम को स्पेशल बनाया था एक समझौते ने Black Widow मोहतरमा जिन्होंने यूनिवर्स को बचाने के लिए अपनी ज़िंदगी को मौत की खाई में धकेल दिया था।

बस तब से आज तक दिल में एक एहसास छुपा हुआ था हम मार्वेल फेंस के, हमनें Black Widow की अहमियत को पहचाना नहीं।

बंदी जिंदा थी तो सारा प्यार आयरन मैन, कैप्टन अमेरिका, ब्लैक पैंथर को दे दिया और अब जब वो वापस नहीं आ सकती तो हम सब अब नताशा को प्यार करने लगे उनकी कमी को महसूस करने लगे।

लेकिन दोस्त ये सिनेमा की दुनियाँ हैं और यहाँ सब कुछ मुमकिन हैं और हाँ Black Widow फिर से वापस आ गयी हैं।

लेकिन इस बार वक्त आगे नहीं पीछे चला गया हैं पूरा किस्सा डिटेल में समझाऊँगा इस रिव्यू में।

Black Widow Movie Review in Hindi: Story, Star Cast

Black Widow Cast (स्टार कास्ट)

स्कार्लेट जॉनसन – नताशा रोमोनोफ / ब्लेक विडो
फ्लोरेंस पफ़ – येलिना बेलोवा
डेविड हार्बर – एलेक्सी शोस्ताकोव / रेड गार्जियन
ओ-टी फागबेनले – रिक मेसन
ओल्गा कुरीलैंको – एंटोनिया ड्रेकोव / टास्कमास्टर
विलियम हर्ट – थडियस रॉस
रे विंस्टन – ड्रेकोव
रेचल वाइज़ – मेलिना वोस्तोकॉफ़ / ब्लैक विडो

Black Widow Story (कहानी)

कहानी आज से कई साल पीछे 1995 में शुरू होती हैं।

नताशा अपनी साधारण सी फैमिली में अपने मम्मी पापा और छोटी बहन येलिना के साथ सुख शांति की ज़िंदगी जी रही हैं।

फिर आता हैं वो दिन जब सब कुछ बदल जाता हैं और एक बड़े सीक्रेट से पर्दा हटता हैं की इनके मम्मी पापा असली नहीं हैं बल्कि कैरेक्टर्स प्ले कर रहें थे और असलियत में ये दोनों एक सीक्रेट ऑर्गनाइजेशन के एजेंट हैं।

Red Room, इस नाम को अच्छे से याद कर लो क्योंकि पूरी कहानी में Black Widow से भी ज्यादा अहमियत हैं इसकी।

यहाँ पर होता क्या हैं?

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यहाँ दिमाग को कण्ट्रोल करने वाली एक टेक्नोलॉजी को डिज़ाइन किया गया हैं।

किसी भी इंसान को कोई दूसरा बन्दा अपने इशारों पर नचा सकता हैं, मतलब दुनियाँ का सबसे ख़तरनाक हथियार हैं ये।

ख़ासतौर पर इस काम के लिए कुछ स्पेशल लडकियों को चुना जाता हैं जो जेनेटिकली सुपीरियर हैं मतलब बचपन से ही साधारण लोगों से थोड़ी अलग और ख़ास हैं।

और इन लड़कियों में ही नताशा और येलिना दोनों को चुना गया हैं।

फिर कहानी 21 साल आगे बढ़ती हैं, अब नताशा Black Widow बन चुकी हैं अपने एवेंजर्स की टीम का हिस्सा।

और टाइम लाइन के हिसाब से सिविल वॉर छिड़ चुका हैं, कैप्टन अमेरिका और आयरन मैन के बीच में।

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लेकिन Black Widow की कहानी का फोकस उस तरफ़ नहीं बल्कि नताशा की personal life की ओर हैं जो अब एक नहीं दो नहीं बल्कि सौ दो सौ नकली जिंदगी जी रहीं हैं।

वास्तव में ये Black Widow नकली पहचान बनाने में एक्सपर्ट हैं।

फिर अचानक एक दिन इनकी जिंदगी में entry होती हैं टास्क मास्टर की जो MCU के सबसे ख़तरनाक विलेन में से एक हैं।

और ये जिंदगी को इंसानों की तरह feelings पर नहीं बल्कि मशीनों की तरह किसी मिशन की तरह जीते हैं।

यहाँ पर होती हैं एक दे दना दन मुक्कालात वाली लड़ाई जिससे मिलता हैं एक सीक्रेट जो नताशा को बचपन वाली यादों में वापस ले जाता हैं अपनी बहन येलिना के पास।

अब दोनों बहनों में कुछ खास बनती नहीं हैं और कारण एकदम simple हैं वहीं पुराना नकली बहनों वाला रिश्ता जिससे नताशा खुद को आज़ाद करके बेचारी येलिना को किसी ओर के इशारों पर नाचने को मजबूर छोड़कर फुर्र हो गयी।

लेकिन फ़िलहाल दोनों सब कुछ भूलकर एक common मिशन पर निकल पड़ी हैं।

ये जो कुछ भी इन्होंने बचपन में सहा वो किसी ओर के साथ ना हो मतलब Red Room पर ताला डालना हैं कुछ भी करके फिर चाहें रास्ते में इनके नकली माता पिता आ जाएं या फिर टास्क मास्टर से जिंदगी और मौत की लड़ाई लड़नी पड़े।

नताशा एवेंजर होने की जिम्मेदारी पूरी ईमानदारी से निभाएगी।

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देखों दोस्त पहली चीज़, ये Black Widow कोई सुपरहीरो मूवी नहीं हैं इसमें ना तो वो असाधारण सी सिनेमेटोग्राफी मिलेगी और ना ही सुपरपॉवर्स वाली लड़ाई।

Black Widow को आप एक साधारण एक्शन थ्रिलर हॉलीवुड फ़िल्म की कैटेगरी में फिट कर सकतें हो, मिशन इम्पॉसिबल के जैसे।

लेकिन उतना खास एक्शन भी नहीं हैं और स्टंट्स भी उस लेवल के नहीं हैं जिनको देखकर मुँह फ़टा का फ़टा रह जाये।

उसका कारण ये की आधी फ़िल्म से ज्यादा तो सिर्फ बातचीत में ही निकल जाती हैं, लम्बी लम्बी बातचीत जिसमें फैमिली ड्रामा कूट कूट कर भरा हैं।

लेकिन दिक्कत ये हैं कि इतने सारे डॉयलोग्स सुनने के बाद भी emotions कहीं महसूस नहीं होंगे।

ऐसा लगता हैं जैसे फ़िल्म के मेकर्स बस कहानी को आगे बढ़ाना चाहते हैं, वो एहसास बिल्कुल नहीं होता।

और सबसे बड़ी कमजोरी जानते हो क्या हैं?

Black Widow फ़िल्म में विलेन बिल्कुल भी मजेदार और ताकतवर नहीं हैं।

जबकि मार्वेल कॉमिक्स में टास्क मास्टर काफ़ी दिलचस्प कैरेक्टर हैं लेकिन फ़िल्म में उसको बिल्कुल भी अच्छे से प्रस्तुत नहीं किया गया।

एवेंजर्स एंडगेम एक ख़ास फ़िल्म थी क्योंकि उसमें थेनॉस जैसा विलेन था वो जिसको देखकर आप emotions महसूस करते थे।

लेकिन Black Widow में ये विलेन वाली थ्योरी बिल्कुल भी दिलचस्प नहीं हैं।

Black Widow की एक ख़तरनाक वाली बुराई ये भी हैं कि फ़िल्म का टाइटल हैं Black Widow जबकि पूरा फोकस येलिना पर डाल दिया गया हैं, बेचारी नताशा के लिए तो ऐसा लग रहा हैं जैसे सपोर्टिंग कैरेक्टर प्ले कर रहीं हैं।

हमनें उम्मीद की थी कि जोकर type का कोई ट्रेजेडी वाला फैमिली ड्रामा देखने को मिलेगा, जब दो बहनों का reunion होगा वो भी इतने सालों के बाद।

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लेकिन मार्वेल की इस फ़िल्म में सब कुछ एकदम फ्लेट हैं कोई excitement नहीं, कोई ups and downs नहीं।

इसकी जिम्मेदारी पूरी तरह Black Widow फ़िल्म की डायरेक्टर मैडम को लेनी चाहिए।

एक strong MCU कैरेक्टर जिससे लोग emotionally जुड़े हुए थे और उसके come back का इंतजार कर रहें थे उसकी फ़िल्म का इस्तेमाल आपने खुद उसको side line करने के लिए किया।

हाँ लेकिन वो लोग जो मार्वेल के कट्टर फैन्स हैं और काफ़ी वक्त से इंतजार कर रहें थे किसी familiar चेहरे को दुबारा बड़ी स्क्रीन पर देखने को उनके लिए Black Widow खास थी और रहेगी।

बीच में कैप्टन अमेरिका और विंटर सोल्जर का जिक्र भी सुनने को मिलेगा जो आपको सिविल वॉर की यादों में वापस पहुँचा देगा।

खासतौर पर post क्रेडिट में डाले गए scene को देखने के बाद आप इस फ़िल्म को filler की देख सकते हो जो audience को अगले मार्वेल चेहरे की तरफ़ ले जाएगा।

बस इससे ज्यादा Black Widow फ़िल्म का कुछ ओर काम नहीं हैं।

रेटिंग

मेरी तरफ़ से Black Widow फ़िल्म को 5 में से 2.5 स्टार्स।

एक स्टार येलिना वाले किरदार को एकदम दिमागी तौर पर इस्तेमाल करके MCU के भविष्य को आगे ले जाने वाले आईडिया के लिए।

एक स्टार स्कार्लेट और फ्लोरेंस के बीच चलने वाली नोकझोंक और funny moments के लिए, दोनों की बॉन्डिंग एकदम कमाल थी बिल्कुल real life वाली केमेस्ट्री की तरह।

और एलेक्सी भईया का humor एकदम अलग ही लेवल का हैं ये जब जब स्क्रीन पर आएंगे आपके चेहरे पर स्माइल की गारंटी हैं।

और आधा स्टार ये Red Room वाले कॉन्सेप्ट को अभी तक MCU में छुपाकर surprise बनाकर प्रकट करने के लिए, नताशा का अतीत एकदम unexpected था।

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बात करूँ नेगेटिव्ज की तो एक स्टार कटेगा टास्क मास्टर जैसे विलेन को irrelevant और pointless बनाने वाले डायरेक्शन के लिए, पूरा मज़ा ख़राब कर दिया।

एक स्टार आधी से ज्यादा फ़िल्म को लम्बी लम्बी बातचीत में फंसाकर एक्शन को सिर्फ 5-10 प्रतिशत तक लिमिट करने के लिए।

और आधा स्टार Black Widow जैसे किरदार के साथ जुड़े हुए emotions का जीरो इस्तेमाल करने के लिए।

पूरी Black Widow फ़िल्म से वो मार्वेल का स्पेशल टच गायब हैं जिसका इंतज़ार फैन्स सालों तक करते हैं।

वैसे आपने अभी तक Black Widow देखी या नहीं? देख ली तो अपना Black Widow review कॉमेंट्स में जरूर शेयर करना दोस्त।

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