डीबुक रिव्यू । Dybbuk Movie Review in Hindi

Dybbuk एक छोटा सा बॉक्स हैं जो दिखने में एकदम साधारण वाला एहसास देगा लेकिन इसमें हकीकत में बंद हैं एक आत्मा

वो भी बुरी वाली जो किसी इंसान के मरने के बाद भी इस दुनियाँ में रहने का रास्ता ढूँढ रहीं हैं, अब अगर में आपसे ये कहूँ की जो भी मैंने आपको बताया वो सब सच हैं तो आपका पहला expression क्या होगा?

हमारी वास्तविक दुनियाँ में यह Dybbuk box मौजूद हैं और इससे जुड़े कई किस्से भी।

हॉलीवुड में इसकी entry हुई थी The Possession नाम की फ़िल्म से और जब वहाँ डर के मारे लोगों का बुरा हुआ तो फिर उसको भारत लाया गया Ezra नाम की मलयालम फ़िल्म के साथ।

और अब बारी हैं हिंदी audience की इस डर को महसूस करने की हिंदी फिल्म Dybbuk में जो की Ezra फ़िल्म का एक ऑफिसियल रीमेक हैं।

तो चलिए करते हैं Dybbuk Review और जानते हैं कि ये फ़िल्म हम हिंदी audience को उस लेवल का डर महसूस करवा पाती हैं या नहीं।

Dybbuk Movie Review in Hindi

Dybbuk Cast (स्टार कास्ट)

Dybbuk फ़िल्म में एक पति पत्नी को दिखाया गया हैं जहाँ पति का कैरेक्टर प्ले किया हैं इमरान हाशमी ने।

इनके कैरेक्टर का नाम हैं सैमुअल इसाक उर्फ़ सैम जो मुम्बई के भारतीय क्रिश्चियन हैं और मॉरीशस में न्यूक्लियर वेस्ट डिस्पोजल कम्पनी में एक्सक्यूटिव के तौर पर काम करतें हैं।

इमरान हाशमी इससे पहले मुम्बई सागा और चेहरे फ़िल्म में भी नजर आ चुके हैं।

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इनकी पत्नी हैं माही इसाक जो मिसकैरेज होने के बाद अब दूसरी बार प्रेग्नेंट हुई हैं जिनका कैरेक्टर प्ले किया हैं निकिता दत्ता ने, जो इससे पहले The Big Bull में अभिषेक बच्चन के opposite नजर आई थी।

मानव कोल फ़िल्म Dybbuk में राबी मार्कस के कैरेक्टर में दिखाई देंगे जबकि यहाँ उनके पिता का रोल प्ले किया हैं अनिल जॉर्ज ने जिनके कैरेक्टर का नाम हैं बेन्यामिन

Dybbuk Story (कहानी)

एक couple हैं जो खूब सारे प्यार और अपने परिवार को आगे बढाने के खूबसूरत सपने लिए नए नए घर में शिफ्ट हुए हैं।

लेकिन पतिदेव को कुछ शक होने लगता हैं कि इस नए घर के साथ कुछ तो गड़बड़ हैं क्योंकि उसे रात में घर की छत पर किसी के भागने की आवाजें आती हैं तो दूसरी तरफ़ पत्नी की तबियत भी काफ़ी बिगड़ने लगती हैं।

तब घर में इनके पुराने रिश्तेदार आते हैं जो चर्च में फादर भी हैं और एक नज़र इस डब्बे पर डालते ही समझ जाते हैं कि पूरा माजरा Dybbuk में घुसीं आत्मा से जुड़ा हुआ हैं।

अब हीरो के पास दो रास्ते हैं चुपचाप घर छोड़ दे और पूरी ज़िंदगी पत्नी के शरीर में शैतान आत्मा को free में अपने साथ ले जाओ या फ़िर झाड़-फूँक करने वाले शक्तिशाली पुजारी की मदद ले जो भगवान का नाम लेकर इंसान के शरीर में घुसे शैतान को भगाने में एक्सपर्ट होतें हैं।

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देखों दोस्त, Dybbuk को अगर आप एक complete हॉरर फिल्म की तरह देखोगे तो कुछ भी नया नहीं मिलेगा और ना ही ज्यादा डर वाला एहसास होगा।

आपने 1920 नाम की फ़िल्म तो देखी ही होगी? बस बाहर से इस फ़िल्म का कॉन्सेप्ट हूबहू उसकी फोटोकॉपी हैं। नया घर, दो प्यार करने वाले लोग जिनमें से एक के अंदर आत्मा घुस जाएगी और दूसरा उसको अंत तक बचाने के लिए लड़ता रहेगा।

इन सब समानताओं के चलते Dybbuk फ़िल्म काफ़ी साधारण सी हो जाती हैं जैसे मानों इसे पहले भी कई बार देख चुके हैं।

हाँ, फ़िल्म में दो तीन scenes हैं जहाँ आँखें खुली रखना थोड़ा मुश्किल हो जाता हैं लेकिन थ्रिलर वाली कैटेगरी में Dybbuk फ़िल्म बैठती हैं एकदम फिट।

फ़िल्म की कहानी भले ही ओरिजनल ना हो लेकिन दिलचस्प जरूर हैं। काफ़ी सारे twist and turns मिलेंगे, साथ ही क्या असली हैं क्या नकली? अंत तक पूरा दिमाग घूम जाएगा।

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इस मुख्य कहानी के पीछे एक back story create की गई हैं जिसके बारे में ट्रैलर में जरा सा भी hint नहीं दिया गया जो वास्तव में Dybbuk को साधारण बॉलीवुड हॉरर मूवी से अलग बना देती हैं।

Dybbuk की सबसे बड़ी गड़बड़ ये हैं कि यह काफ़ी तेज स्क्रीनप्ले के साथ भागती हैं। एक scene को जब तक महसूस नहीं कर पाओगे उतने में नया scene शुरू भी हो जाता हैं। सब कुछ ऊपर ऊपर से दिखाया जाता हैं।

जबकि हॉरर फिल्म को महसूस करना और फ़िल्म में दिखाई गई चीज़ों के साथ खुद को real life में जोड़कर देखना वो सबसे ज्यादा जरूरी होता हैं।

और उसके लिए वक्त देना पड़ता हैं, एक एक scene का पूरी तरह अच्छे से वर्णन करना पड़ता हैं लेकिन बदकिस्मती से Dybbuk में ऐसा कुछ भी नहीं हैं।

फ़िल्म के अधिकतर scenes हम audience के imagination पर छोड़ दिये जाते हैं, फ़िल्म देखो और खुद दिमाग पर जोर डालकर समझने की कोशिश करो कि आखिर इस scene में ऐसा कैसे हुआ? फ़िल्म आपको समझाएगी इसकी उम्मीद Dybbuk से बिल्कुल भी मत करना।

अगर वास्तव में इस तरह का हॉरर कॉन्टेंट देखना चाहते हो जो दिन रात कई घण्टों तक दिमाग में बैठ जाये तो नेटफ्लिक्स की डॉक्यूमेंट्री House of Secrets देख लेना जो बुराड़ी केस पर आधारित हैं। असली डर क्या होता हैं? समझ जाओगे आप।

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सीधी सिंपल बात ये की Dybbuk फ़िल्म को देखना इसलिए जरूरी हैं क्योंकि इसमें हैं थोड़ी अलग हटके और नए जमाने वाली कहानी।

लेकिन कट्टर हॉरर फैन्स जो हॉलीवुड लेवल का सिनेमा देखना पसंद करते हैं, आपको Dybbuk फ़िल्म में कुछ भी स्पेशल देखने को नहीं मिलेगा, डर तो बिल्कुल नहीं लगेगा।

एक्टिंग और परफॉर्मेंस

Dybbuk फ़िल्म की अच्छी बात ये हैं कि फ़िल्म के सेंटर में दो कमाल के एक्टर्स हैं।

एक तो इमरान हाशमी जिनका रिश्ता हॉरर फिल्मों से काफ़ी पुराना हैं, राज सीरीज़ में देख ही चुके होंगे आप।

लेकिन इनका रोमांटिक स्टाइल और कानों को सुकून देने वाला म्यूजिक, उसको बहुत ज़्यादा miss करने वाले हो आप।

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दूसरे हैं मानव कोल जो फ़िल्म में काफी अजीब और mysterious type का कैरेक्टर प्ले कर रहें हैं, बन्दा हीरो होगा या विलेन पहली नजर में बिल्कुल भी अंदाजा नहीं लगाया जा सकता।

रेटिंग

तो यार मेरी तरफ से Dybbuk फ़िल्म को 5 में से 2.5 स्टार्स।

एक स्टार इमरान हाशमी और मानव कोल के एक एवरेज़ फ़िल्म को स्पेशल बनाने वाले एफर्ट्स के लिए।

एक स्टार main कहानी को पीछे से सपोर्ट करने वाली दिलचस्प back story के लिए जो फ़िल्म में सस्पेंस और थ्रिल थोड़ी देर के लिए महसूस जरूर करवाएगी।

और आधा स्टार फ़िल्म में डाले गए कलर पैटर्न्स के लिए जो डरावनी कहानी को भी खूबसूरत बना देते हैं।

बात करूँ नेगेटिव्ज की तो एक स्टार जरा सा भी प्रभाव ना छोड़ने वाले स्क्रीनप्ले के लिए, फ़िल्म कब शुरू होगी कब ख़त्म होगी? समझ ही नहीं आएगा।

कोई भी scene को महसूस करने के लिए वक्त ही नहीं दिया गया फ़िल्म में।

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एक स्टार कटेगा फ़िल्म की लीड एक्ट्रेस, साथ में सपोर्टिंग cast की काफ़ी कमजोर परफॉर्मेंस के लिए।

इन लोगों की कमजोर एक्टिंग की वजह से फ़िल्म एकदम fictional सी बन जाती हैं जिस पर ज़रा सा भरोसा करने का भी मन नहीं करता।

और आधा स्टार कटेगा हॉरर फ़िल्म में हॉरर के नाम पर ज्यादा कुछ भी ना दिखाने के लिए

अब सवाल ये हैं कि आखिर फ़िल्म को देखा कहाँ जाए? जवाब हैं अमेज़ॉन प्राइम, घर बैठे हाथ में चाय पकोड़े लेके मजे से देखो।

वैसे वो लोग जो खुद को हॉरर का चैम्पियन समझते हैं, आप सब नीचे कॉमेंट्स में एकदम मस्त भूतिया फ़िल्में suggest करना बिल्कुल भी मत भूलना।

में भी तो देखूँ आपको सबसे ज्यादा डर किससे लगता हैं?

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6 Comments

  1. फ़िल्म वाकई काफ़ी अच्छी हैं, आपने फ़िल्म का अच्छा रिव्यू लिखा हैं।

  2. फ़िल्म में इमरान हाशमी की एक्टिंग वाकई कमाल की हैं, शानदार एक्टिंग। आपने काफ़ी अच्छा रिव्यू लिखा हैं।

  3. फ़िल्म काफ़ी अच्छी लगी, हॉरर फ़िल्म्स पसन्द करने वालों को इस फ़िल्म को जरूर देखना चाहिए।

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