साल था 1999, जब थॉमस एंडरसन नाम के शख्स को एक चॉइस दी जाती हैं। रेड पिल और ब्लू पिल के बीच किसी एक को चुनने की चॉइस।
ब्लू पिल चुनने पर अपनी दुनियाँ में ही रह जाओगे। वहीं रोज का रूटीन चलता रहेगा जो अब तक चला आ रहा हैं। यानी मैट्रिक्स को ही अपनी दुनियाँ मानते रहोगे।
लेकिन अगर रेड पिल चुनी, तो सच तक जाने का मौका मिलेगा। उस असली दुनियाँ के बारे में जानने को मिलेगा जो मैट्रिक्स से परे हैं।
क्या हैं ये मैट्रिक्स? एक सिमुलेशन वर्ल्ड, जिसे मशीनों ने बनाया हैं, ताकि इंसान उसी को अपनी वास्तविकता मानकर जीते रहें।
सच को जानने के चक्कर में थॉमस रेड पिल चुन लेता हैं और बन जाता हैं नियो। जिसे असली दुनियाँ में द वन माना जाता हैं।
वो शख्स जो इंसानों के लिए लड़ेगा, मशीनों के खिलाफ।
अब यहाँ एक मिनट रुकना चाहेंगे। अगर आप मैट्रिक्स, नियो, द वन जैसे शब्द पहली बार सुन रहें हैं तो ये हिदायत हैं कि इस आर्टिकल को पढ़ना यहीं बन्द कर दीजिए।
इस The Matrix Resurrections रिव्यू में, आगे जो भी बात होने वाली हैं उसे समझने के लिए 1999 में आई द मैट्रिक्स, 2003 में आई द मैट्रिक्स रिलोडेड और द मैट्रिक्स रिवोल्यूशन्स देखनी पड़ेगी।
जिस सिमुलेशन वर्ल्ड की बात एलन मस्क अब कर रहें हैं, वो द मैट्रिक्स ने 1999 में ही दिखा दिया था।
यही सबसे बड़ी वजह रहीं हैं कि क्यों द मैट्रिक्स को साइंस फ़िक्शन जॉनर की एक बड़ी और डिफाइन फ़िल्म के रूप में देखा जाता हैं।
The Matrix Resurrections Review in Hindi
The Matrix Resurrections Review: स्टोरी
नियो अब ब्लू पिल ले चुका हैं क्योंकि अब वो हमें मैट्रिक्स वाली दुनियाँ में दिखाई देता हैं। आपको बताते चलें, अब ये मैट्रिक्स पुराने वाले मैट्रिक्स से एकदम अलग हैं।
अब यहाँ स्मार्टफोन्स, सोशल मीडिया सब कुछ हैं। मैट्रिक्स में नियो के साथ जो कुछ भी था, उस अनुभव को लेकर वो एक गेम सीरीज़ बना चुका होता हैं और काफी फ़ेमस भी हो जाता हैं।
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उसे बिल्कुल भी याद नहीं रहता कि ऐसा कुछ उसके साथ वास्तविकता में भी हो चुका हैं।
लेकिन उसका ये पास्ट उसका पीछा नहीं छोड़ता। जैसे उसे अपने बिजनेस पार्टनर में एजेंट स्मिथ नजर आता हैं, कैफ़े में दिखने वाली टिफनी नाम की औरत को देख ट्रिनिटी की याद आती हैं।
मैट्रिक्स में फँसे रह जाना नियो की किस्मत नहीं हैं, इसलिए उसे लगातार कुछ अजीब चीजें दिखती और महसूस होती रहती हैं।
जैसे जब वो किसी परेशानी से जूझ रहा होता हैं तो बैकग्राउंड में वाइट रैबिट नाम का एक गाना बज रहा होता हैं।
रैबिट का मतलब आप सीजन वन से कनेक्ट कर पाएंगे।
नियो फिर से असली दुनियाँ में पहुँच जाता हैं लेकिन इस बार उसका मकसद मशीनों से लड़ना नहीं हैं। उसे ट्रिनिटी को ढूढंना हैं ताकि उसके दिमाग को आजाद करवा सकें।
कुल मिलाकर बात ये हैं कि मॉर्फिअस ने जो नियो के लिए किया ठीक वैसा ही वो अब ट्रिनिटी के लिए करना चाहता हैं।
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द मैट्रिक्स में हाथ से गोलियों को रोकने और हवा में उड़ने जैसे एक्शन्स से भी ज्यादा मुझे पसन्द हैं इसकी फिलॉसफी।
जो चॉइस की बात करती हैं कि कैसे वो एक भृम हैं। क्योंकि आपको कहीं ना कहीं पता होता हैं कि आपको क्या चुनना हैं।
The Matrix Resurrections Review: एक्टिंग
द मैट्रिक्स रिसरेक्शन से हर मैट्रिक्स फैन कई उम्मीदें लगाएं बैठें हैं। फ़िल्म की कास्टिंग को काफी अच्छा माना जा सकता हैं।
लेकिन एक्टिंग के मामले में सभी काफी एवरेज लगें, हालाँकि आपको नियो और ट्रिनिटी की केमिस्ट्री काफ़ी पसन्द आने वाली हैं।

भारतीय दर्शकों को रिझाने के लिए फ़िल्म के मेकर्स ने एक तगड़ी चाल चली। अहम कैरेक्टर देने के बजाय एक कैमियो के रुप में प्रियंका चौपड़ा को लाया गया।
हालांकि उनकी एंट्री काफी लेट होती हैं लेकिन देखना ये होगा कि क्या फ़िल्म भारतीय फैंस को खींच पाएगी?
The Matrix Resurrections Review: रेटिंग
मेरी तरफ से The Matrix Resurrections मूवी को 5 में से 2 स्टार्स मिलेंगे। पहला तो उन विजुअल्स के लिए, जो हमें याद दिलाते हैं कि यह एक हॉलीवुड फिल्म हैं।
अगर आप जबरदस्त विजुअल्स और एक्शन देखने के शौकीन हैं तो आप जरूर एन्जॉय करेंगे।
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दूसरा स्टार नियो और ट्रिनिटी की बॉन्डिंग को मिलना चाहिए, जिन्हें साथ में देखना एक अलग फ़ीलिंग देता हैं।
नेगेटिव्ज की बात करें तो एक स्टार कटेगा द मैट्रिक्स रिसरेक्शन की बेकार राईटिंग के लिए, इसकी कहानी देखकर आपको द मैट्रिक्स की याद आने लगेगी।
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एक स्टार कटेगा फालतू के सीन्स के लिए, जिनकी वजह से फ़िल्म काफी लंबी हो गयी, जो बोर करने के सिवा कुछ नहीं करती।
और एक स्टार की कटौती होगी फ़िल्म के क्लाइमेक्स को बर्बाद करने के लिए। किसी भी फ़िल्म का क्लाइमेक्स अपने आप में इतना जबरदस्त होना चाहिए कि देखने वाले के दिमाग से खेल जाए।
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दिमाग में घुसने के बजाय द मैट्रिक्स रिसरेक्शन फ़िल्म का क्लाइमेक्स हमें बेटमैन वर्सेज़ सुपरमैन की लड़ाई की याद दिला देता हैं। कितना ज्यादा ड्रामेटिक बना दिया यार।
The Matrix Resurrections Review: डिटेल्स
डायरेक्टर – लाना वचाव्स्की
राईटर्स – लाना वचाव्स्की, डेविड मिशेल, अलेक्सेंडर हेमोन
कलाकार – कीनू रीव्ज (नियो/ थॉमस एंडरसन), कैरी-एन्ने मॉस (ट्रिनिटी/ टिफनी), याह्या अब्दुल माटीन द्वितीय (मॉर्फियस/ एजेंट स्मिथ)
रिलीज़ डेट – 22 दिसंबर 2021
रनिंग टाइम – 2 घण्टे 28 मिनट
बाकी आपको The Matrix Resurrections के इस रिव्यू में कौनसी बात अच्छी लगी, अगर कुछ शिकायत करनी हो या सुझाव देना हो तो Filmy Baatcheet फ़ेसबुक पेज पर या ट्विटर पर पहुँच जाए। हम आपको वहीं मिलेंगे।